“कितना रोया होंगा उसका दिल”



(काल एका 35-36 वर्षाच्या मुलाने त्याच्या 58-60 वर्षाच्या बापाला अक्षरश: मारहाण करताना बघितले, खूपच वाईट वाटले, )

“कितना रोया होंगा उसका दिल”

कितना रोया होंगा उसका दिल, जब लडके ने हाथ उठाया था,
वही हाथ पकडकर जिसने लडकें को चलना सीखाया था

सहम गयी थी उसकी आँखे, कितना लाचार वह दिख रहा था
क्या बीती होंगी उसके दिलपर, जिसे आसरा उसने माना था

जब उसके ही लडके का थप्पड उसके शरीर पे पड रहा था
रुह से रुह तक मानो उसका सीना काँप रहा था

उसके आंख से निकला आंसू कुछ पुरानी बाते याद आयी
कितने गुनाह रखे थे समेंटकर सोचकर आँखे भर आयी

पाँच साल कि आयु में जब बाप बाजार से आया होंगा
'
मेरे लिये क्या लाये पिताजी' हँसते-खिलते बेटा बोला होंगा

कमजोर ठहरा आज बाप, और बेटा बहुत बडा हुआ
अगनित उपकार भुला पिता के उनका शत्रू बन खडा हुआ 

कुछ रुपये पैसे, कुछ बडापन भले ही कम प्रभो देना
इन्सानियत हम भुले कभी ना, इतनी शक्ती हमे देना
-
राजेश खाकरे
Mo.7875438494

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